हादसा
हादसा
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एक खबर से जिन्दगी पलटवार खाती है।
जो हादसा बन दिल के टुकड़े कर ही जाती है।
सीधी सी जीवन धारा को
पलटा के जाती है।
सुगम सी बहती सरिता का
रूख मोड़ जाती है।
बिखेर कई जिन्दगानियाँ दिल
झकझोर जाती है।
वक्त-हस्त की बन
कठपुतली से हम।
सुनना चाहे या
ना भी सुने हम।
वाकये को हादसे में बदल
जाती जाती है।
जाने वाले हमको तो
तेरी याद आती है।
बिखरी जीस्त ढ़ंग से फिर
सिमट ना पाती है।
एक खबर से जिन्दगी…….
जो हादसा बन दिल के……..
सुधा भारद्वाज
विकासनगर उत्तराखण्ड़