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7 Feb 2022 · 1 min read

हादसा

*********** हादसा ***********
****************************

निकला था मैं सैर को होने को फिट,
पीछे से वाहन ने कर दिया झट हिट।

हाय माँ मर गया निकली तीखी चीख,
ऊपर से नीचे धड़ाम गिरा सड़क बीच।

टायरों से भी जा टकराया था शरीर,
हाल हुआ जैसे दूध से बन गया पनीर।

झट से फुर हो गया कर के तन प्रहार,
अर्द्धमूर्छित सोचूं पड़ा कौसे हुआ वार।

सिर-छाती-नितंब का हुआ बुरा हाल,
मांस फटा टांग का बिगड़ गई चाल।

इंसानियत गई फाड़ में थे तमाशबीन,
खुद हिम्मत कर उठा बिन छानबीन।

एक सज्जन आया देख हालत पास,
बाइक पर बैठाकर पहुंचाया आवास।

मनसीरत बचा जान से दर्द था गंभीर,
कुदरत करिश्मे बचाया नाजुक शरीर।
******************************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
159 Views
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