हादसा
हादसा याद मुझे (गजल)
***221 222 112***
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वो हादसा है याद मुझे,
वो फासला है याद मुझे।
जिसने मिटाया नाम निशां,
वो आपदा है याद मुझे।
करते बहुत थे लाड़ सभी,
था लाडला है याद मुझे।
जब हम हुए थे यार जुदा,
वो मामला है याद मुझे।
वो खींचना रेखा मन की,
वो दूरियाँ है याद मुझे।
जब भी हुए वो दूर कभी,
वो घूरना है याद मुझे।
नादान मनसीरत दूर खड़े,
ना बोलना है याद मुझे।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)