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31 Jul 2021 · 1 min read

हाथ थाम रखा है क्या ?

आज कल चाँद बड़े ग़ुरूर में है,
सुनो आज कल तुम छत पर नही जा रहे क्या ?

हर तरफ धूप बस मेरे रास्ते मे ही छांव है,
सुनो तुमने अपना आँचल लहरा रखा है क्या ?

ये रास्ता आज खुसबू से नहाया हुआ है,
सुनो आज तुम इधर से गुजरे थे क्या ?

तन्हा होकर भी मैं अकेला नही हूँ,
सुनो तुमने मेरा हाथ थाम रखा है क्या?

दीपक पटेल ‘सारांश’

Language: Hindi
2 Likes · 1 Comment · 444 Views
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