हाथी की शादी
कूद-कूद कर बंदर देखो
बजा रहा था वह बाजा।।
भालू नाचे जोर-जोर से
नाचे जंगल का राजा।।
हाथी बन गए दूल्हे राजा
हथनी है दुल्हन प्यारी।।
सारा जंगल खुशी मनाएं।
झूमें सब बारी-बारी।।
हलुआ पूरी और मिठाई
सबने दावत भी खाई ।
जंगल में है मंगल कितना
चारों तरफ खुशियां छाई।।
विजय बेशर्म