हाइकू
हाइकू(2)
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गरीब बस
अजीब है दुनियाँ में,
खुद से प्यार।
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औलाद देता
माता पिता को दुःख,
रोता रहता।
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माँ बाप बस
औलाद की खातिर,
दुःख सहते।
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कोरोना वार
दुःख दर्द हजार,
इंसान रोता।
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ग्रहणकर
सबके लिए समान
ईश्वराशीष
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✍सुधीर श्रीवास्तव