हाइकू — रास्ते
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बिछे हैं रास्ते।
नुंचे-चुंथे रूआँसा।
गाड़ी के नीचे।
मेरा सफर।
राजपथों से चौड़े।
गड्ढों से भरे।
कहने में हूँ।
चिकनी-चुपड़ी सी।
सड़कों जैसी।
कोसता चले।
पथ और पथिक।
पटके पैर।
मैं सुंदर थी।
चूम के गाड़ियों ने।
बदसूरत किया।
कलूटी सही।
खूबसूरत तो थी।
जन्म काल में।
कहते हैं कि
एकता ही है बड़ी।
बनना राह!
कहीं का ईंट।
और कहीं का रोड़ा।
रस्तों से जुड़ा।
उतना भरो।
मैं हूँ माटी,पत्थर।
जैसा खुरचो।
लक्ष्य का रास्ता।
दिशा दिग्दर्शक हूँ।
गांठ ले बांध।