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26 Jan 2017 · 1 min read

हाइकु

हा. गणतंत्र
रोता रहा है गण
हँसता तंत्र ।

बने जालिम
भाइयों को लड़ाने
राम रहीम ।

मृग भटके
तलाश कस्तूरी की
पास उसी के ।

घना अंधेरा
दीप जलता रहा
मन अकेला ।

Language: Hindi
254 Views
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