हाइकु
हा. गणतंत्र
रोता रहा है गण
हँसता तंत्र ।
बने जालिम
भाइयों को लड़ाने
राम रहीम ।
मृग भटके
तलाश कस्तूरी की
पास उसी के ।
घना अंधेरा
दीप जलता रहा
मन अकेला ।
□
हा. गणतंत्र
रोता रहा है गण
हँसता तंत्र ।
बने जालिम
भाइयों को लड़ाने
राम रहीम ।
मृग भटके
तलाश कस्तूरी की
पास उसी के ।
घना अंधेरा
दीप जलता रहा
मन अकेला ।
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