Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jun 2018 · 1 min read

हाइकु

” कृषक ”
*******

(1)गर्म तपन
उगलता सूरज
कृषि सुखाई।

(2)बिन पानी के
आग लगी खेतों में
कृषक रोए।

(3)कृषक छाले
सुलग राख हुए
कोई न देखे।

(4)अन्नदाता ने
सब जन हिताय
आत्महत्या की।

(5)कैसे रोपेगा
बंजर भूमि धान
मूक किसान।

डॉ. रजनी अग्रवाल”वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी(उ.प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर।

211 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ. रजनी अग्रवाल 'वाग्देवी रत्ना'
View all
You may also like:
यॅू तो,
यॅू तो,
TAMANNA BILASPURI
इंसानियत का चिराग
इंसानियत का चिराग
Ritu Asooja
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
बह्र ## 2122 2122 2122 212 फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलातुन फ़ाइलुन काफिया ## आ रदीफ़ ## कुछ और है
Neelam Sharma
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
मुलाक़ातें ज़रूरी हैं
Shivkumar Bilagrami
नारी के सोलह श्रृंगार
नारी के सोलह श्रृंगार
Dr. Vaishali Verma
6) “जय श्री राम”
6) “जय श्री राम”
Sapna Arora
गद्दार है वह जिसके दिल में
गद्दार है वह जिसके दिल में
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं प्रभु का अतीव आभारी
मैं प्रभु का अतीव आभारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
मेरी कहानी मेरी जुबानी
Vandna Thakur
*
*"सिद्धिदात्री माँ"*
Shashi kala vyas
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
क़दर करके क़दर हासिल हुआ करती ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
*एक बल्ब घर के बाहर भी, रोज जलाना अच्छा है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
अगर आप केवल अपना स्वार्थ देखेंगे तो
Sonam Puneet Dubey
हर पल
हर पल
Davina Amar Thakral
वक्त जब बदलता है
वक्त जब बदलता है
Surinder blackpen
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
हरी भरी थी जो शाखें दरख्त की
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
*** कुछ पल अपनों के साथ....! ***
VEDANTA PATEL
उसे भुलाने के सभी,
उसे भुलाने के सभी,
sushil sarna
"मुश्किल वक़्त और दोस्त"
Lohit Tamta
जीवन पथ पर सब का अधिकार
जीवन पथ पर सब का अधिकार
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
ज़िंदगी में छोटी-छोटी खुशियाॅं
ज़िंदगी में छोटी-छोटी खुशियाॅं
Ajit Kumar "Karn"
3147.*पूर्णिका*
3147.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
नन्ही
नन्ही
*प्रणय*
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
जीवनसाथी अच्छा होना चाहिए,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
गांव गली के कीचड़, मिट्टी, बालू, पानी, धूल के।
सत्य कुमार प्रेमी
मार मुदई के रे
मार मुदई के रे
जय लगन कुमार हैप्पी
दस्तक
दस्तक
Satish Srijan
घर-घर तिरंगा
घर-घर तिरंगा
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
Loading...