हाइकु
हाईकु
साथ जो छूटा
आसमान से जैसे
तारा हो टूटा
खून पसीना
बहाता है किसान
फिर दे जान?
आँगन मे मेरे
आया है मधुमास
लेकर आस ।
अगर देगा
रिश्तों को तू सम्मान
पाये सम्मान।
मुंडेर बैठा
कौआ गीत सुनाये
कोई है आये
प्यार कहाऊँ
सब की रग रग
में बह जाऊँ
देश बचाओ
अर्जुन बन जाओ
धर्म निभाओ
बदरा आओ
धरती है कहती
प्यास बुझाओ
जुल्फ उडाये
पास जब भी आये
प्यास बुझाये
रंग बिरंगी
तितली के पँखों सी
चुनरी सोहे
आहट जो हो
दर पे सोचूँ मै
शायद वो हो
खोल निहारूँ
माज़ी के दरीचों को
तुझे पुकारूँ
अँखो की नमी
पूछती है अक्सर
किसकी कमी?