हाइकु
1
कोयल कूके
कुसुमाकर आया
तुम न आए
2
सुबह बेला
ये सावन के झूले
हम तुम है
3
मैं पतझड़
तुम बसंत प्रिये
स्वागत तेरा
4
पाखी यादों की
हर शाम आती है
दिल की गली
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल
1
कोयल कूके
कुसुमाकर आया
तुम न आए
2
सुबह बेला
ये सावन के झूले
हम तुम है
3
मैं पतझड़
तुम बसंत प्रिये
स्वागत तेरा
4
पाखी यादों की
हर शाम आती है
दिल की गली
✍️ दुष्यंत कुमार पटेल