हाइकु मुक्तक
~ हाइकु मुक्तक ~
जग कल्याण / प्रभु अवतरित / आप श्रीराम ।
स्तब्ध चेतना / देख यह आपका / न्याय प्रमाण ।
वियोग कष्ट / झेलती रही नारी / हुई विवश ।
मात के संग / चल पड़ी बिटिया / धाम प्रयाण ।। 01 ।।
परीक्षा नाम / नारी का अपमान / मर्यादा राम ।
देश-समाज / भटका देख कर / आपका काम ।
धरा की गोद / समाती रहीं सीता / देती परीक्षा ।
मनु उत्तम / पर धिक् दे न सके / नारी को मान ।। 2 ।।
✍प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
साँकरा , जिला – रायगढ़ (छत्तीसगढ़)
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