हाइकु : नदी
प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
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हाइकु : नदी
01. नदी बहती
छलछल करती
गीत सुनाती ।
☆☆☆
02. नदी जो सूखी
घोर अवसाद में
हुई लकीर ।
☆☆☆
03. खुश बटोही
प्यास बुझाती नदी
ठगी रहती ।
☆☆☆
04. बहती नदी
जीवन का प्रमाण
है पहचान ।
☆☆☆
05. नदी की कथा
रेत रेत हो गई
पिहानी व्यथा ।
☆☆☆☆☆
□ प्रदीप कुमार दाश “दीपक”
मो.नं. 7828104111