हाइकु-गर्मी
हाइकु गर्मी
1
आंखें दिखाएं,
सूरज लाल-लाल।
जन बेहाल।।
***
2
सूरज दादा
क्यों नाराज हो गये,
आग हो गये।।
***
3
ओह ये गर्मी ,
कितनी बैचैनी है।
ओढ़े बेशर्मी।।
***
✍️ -राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com