Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Jul 2024 · 1 min read

हां वो तुम हो…

मेरी कलम से…
आनन्द कुमार

तुम मेरे जीवन की
जीवन सागर हो,
प्रेम रस की
वह गागर हो,
जंहा है मेरे लिए
अलौकिक प्रेम।
विशालकाय पहाड़ की तरह
मेरे लिए ठोस इरादे,
झरनों की तरह
सुखद एहसास,
तव्बसुम की तरह
मन की एक एक बात।
चांद की तरह
जीवन का विश्वास,
नदी की धारा की तरह
जीवन की राह।
मेरे जीवन की
पहली और आखिरी,
प्यास तुम हो।
जंहा मेरा जीवन है
एक सुन्दर आधार
जिसे मैं करता हूं,
अपने से अधिक प्यार
हां वो तुम हो।

09 वर्ष पहले के शब्द

85 Views

You may also like these posts

VOICE OF INTERNAL SOUL
VOICE OF INTERNAL SOUL
SURYA PRAKASH SHARMA
मेरे सपने
मेरे सपने
Saraswati Bajpai
महाशिवरात्रि
महाशिवरात्रि
Seema gupta,Alwar
*अध्यापिका
*अध्यापिका
Naushaba Suriya
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
अपनी अपनी बहन के घर भी आया जाया करो क्योंकि माता-पिता के बाद
Ranjeet kumar patre
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
मिलना अगर प्रेम की शुरुवात है तो बिछड़ना प्रेम की पराकाष्ठा
Sanjay ' शून्य'
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*आत्ममंथन*
*आत्ममंथन*
Pallavi Mishra
पहला कदम
पहला कदम
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र हैं , एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्म
शिक्षा सबसे अच्छी मित्र हैं , एक शिक्षित व्यक्ति हर जगह सम्म
Raju Gajbhiye
अनुराग
अनुराग
Bodhisatva kastooriya
श्री शूलपाणि
श्री शूलपाणि
Vivek saswat Shukla
मसरूफियत बढ़ गई है
मसरूफियत बढ़ गई है
Harminder Kaur
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
2932.*पूर्णिका*
2932.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
हमें अपनी सुनने की गुणवत्ता पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है। ह
Ravikesh Jha
सत्कर्म करें
सत्कर्म करें
इंजी. संजय श्रीवास्तव
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
🌹🌻🌹🌻🌹🌻🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
चारों तरफ मीडिया की फौज, बेकाबू तमाशबीनों की भीड़ और हो-हल्ले
*प्रणय*
अपना अपना सच
अपना अपना सच
Dr.Archannaa Mishraa
मांँ
मांँ
Neelam Sharma
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
बहुत दिनों के बाद मिले हैं हम दोनों
Shweta Soni
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
संसार मे तीन ही चीज़ सत्य है पहला जन्म दूसरा कर्म और अंतिम म
रुपेश कुमार
- रिश्तों से आजकल लोग गरीब हो गए -
- रिश्तों से आजकल लोग गरीब हो गए -
bharat gehlot
दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल
दोहा सप्तक. . . . . मोबाइल
sushil sarna
सेल्फी या सेल्फिश
सेल्फी या सेल्फिश
Dr. Pradeep Kumar Sharma
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
पदावली
पदावली
seema sharma
शरद पूर्णिमा का चांद
शरद पूर्णिमा का चांद
Mukesh Kumar Sonkar
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
मेहनती को, नाराज नही होने दूंगा।
पंकज कुमार कर्ण
Loading...