हां मैं किसान हूं…
सरकार की नीतियों से,
खेती हुई है चौपट,
हालात से बदहाल हूं,
इसलिए परेशान हूं । …. हां मैं किसान हूं ।
मुझको मिला न वाजिब,
दाम मेरी मेहनत का,
फ़सल कोडियों में बेचकर,
कर्ज तले दबा इंसान हूं । …… हां मैं किसान हूं ।
मिलता है भाव सोने के,
खाद-बीज ओर दवा,
बुलन्द कर सकता नहीं,
बिन आवाज़ का मेहमान हूं ।…… हां मैं किसान हूं ।
मौसम की ठंड – गर्मी चाहे बरसात,
मुझको डरा सकते नहीं,
बेमौसम वाली आपदा से,
हारा हुआ पहलवान हूं । ……. हां मैं किसान हूं ।