हां नहीं डरता मैं
…….. हां नहीं डरता मैं
अब नहीं डरता मैं तुम्हारी मन घड़ंत कहानियों से
तुम्हारे मन घड़ंत भगवानों से
तुम्हारे मन घड़ंत उपदेशों से
तुम्हारे मन घड़ंत बकवासो से
तुम्हारे मन घड़ंत मंत्रों से
तुम्हारे मन घड़ंत षड्यंत्रों से
तुम्हारे मन घड़ंत स्वर्ग नरक से
तुम्हारे मन घड़ंत कार्यकलापों से
तुम्हारे मन घड़ंत नक्षत्रों से
तुम्हारे मन घड़ंत ग्रहों से
और तुम्हारे मन घड़ंत
शगुन अपशगुन की बातों से
क्योंकि …….
अब मैंने पढ़ लिया है
बौद्ध को
रविदास को
कबीर को
फूले को
और पढ़ लिया है मैंने
भारत रत्न डॉ.भीम राव अंबेडकर को
नहीं लगता डर मुझे तुम्हारे मनुवाद और मनुस्मृति से
क्योंकि अब मेरे पास है संविधान
वो संविधान जो दिलाता है सबको न्याय
और सिखाता है सबको बंधुत्वा।
नहीं डरता मैं
नहीं डरता मैं
उस मौत से जो एक दिन आनी ही होती है।
इसलिए अपने हक के लिए करूंगा मैं….. इंकलाब
उठाऊंगा मैं आवाज
और लड़ूंगा मैं लड़ाई
अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए ,
क्या आप खामोश रहोगे …?
बोलो…..???
======== डॉ.नरेश सागर