“हाँ वो एक नारी है”
आने से ही सौभाग्य आए,
हाँ वो एक नारी है ।
बचपन से ही रौनक लाए,
हाँ वो एक नारी है ।
जो माँ-बाप की जान कहलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
भाई का हर पल साथ निभाए,
हाँ वो एक नारी है ।
स्कूल की अव्वल छात्रा कहलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
परिश्रम से जो भविष्य सजाए,
हाँ वो एक नारी है ।
पराये घर को भी अपना बनाए,
हाँ वो एक नारी है ।
पति को परमेश्वर का दर्जा दिलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
ममता से जो दिल पिघलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
जिसका आँचल सुख चैन दिलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
गरीबी में भी घर चलाए,
हाँ वो एक नारी है ।
ज़िम्मेदारी जो खूब निभाए,
हाँ वो एक नारी है ।
देवी रूप साक्षात जो पाए,
हाँ वो एक नारी है ।
किस्मत के जो धनी बनाए,
हाँ वो एक नारी है ।
कोई और नहीं वो, बस सबकी दुलारी, सबकी चहेती, सबसे अच्छी, सबसे प्यारी,
हाँ वो एक बेटी, बहन, पत्नी और माँ रूपी नारी है, पूजनीय नारी है ।।
शिवालिक अवस्थी, धर्मशाला, हि.प्र।