हाँ तेरी नजरों में खुद को गिराना पड़ गया
तुझे छोड़ने की वजह, वजह नहीं मजबूरी थी,
किसी दुसरे का साथ नहीं, खुद ही से दूरी थी।
जलकर भी खुद को तुझसे दूर करना ही था मुझको,
कि तुझे बदनाम करने को, ज़माने की तयारी पूरी थी।
हाँ तेरी नजरों में खुद को गिराना पड़ गया मुझको,
कि तेरी आबरू पर निर्दयी ज़माने की रखी छूरी थी।
यही वजह रही कि हमने खिलाफत कर दी तेरी,
वरना घुटनों पर रहकर सदा की तेरी जी-हुजूरी थी।
————–शैंकी भाटिया
अक्टूबर 27, 2016