हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ
हाँ तुझे बस ये बताना चाहता हूँ
अब तुझे मैं भूल जाना चाहता हूँ।
नाँव बनवाकर तेरे झूठें ख़तों की
एक नाली में बहाना चाहता हूँ।
ख़ूब ख़र्चे कर दिए तेरे लिए पर
अब फ़क़त पैसे कमाना चाहता हूँ।
मैं तुझे इक आइना तोहफ़े में देकर
शक़्ल नागिन की दिखाना चाहता हूँ।
-जॉनी अहमद ‘क़ैस’