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23 May 2024 · 1 min read

हस्त मुद्राएं

कुण्डलिया
~~
हस्त मुद्राएं नृत्य में, रखती बहुत महत्व।
बिन इनके मन भाव का, पूर्ण नहीं प्राकट्य।
पूर्ण नहीं प्राकट्य, बहुत हैं घटक कला के।
सबका हो समावेश, हृदय का पुष्प खिला के।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, सभी के मन हर्षाएं।
आंखों के नित साथ,जब हैं हस्त मुद्राएं।
~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

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