हसरत छुपा सकते नहीं
हसरत छुपा सकते नहीं
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हसरत छुपा सकते नहीं,
दिल को दुखा सकते नही।
है स्वार्थ की आंधी चली,
रिश्ते निभा सकते नहीं।
दिल में जहन में हैं पड़ी,
यादें मिटा सकते नहीं।
है टूटते तारों की तरह,
वादे निभा सकते नहीं।
की लाख कोशिश है सदा,
गम को भुला सकते नहीं।
दहलीज़ नीची पड़ गई,
सिर को झुका सकते नहीं।
तकदीर मनसीरत कहाँ,
किस्मत हरा सकते नहीं।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)