हसरतें
हसरतें दिल में लिए न खामोश रहो तुम
कह भी दो अधरों से न रहो खुद में गुम
मौसम तो यूंही पल-पल बदलते रहेंगे मगर
न फिर आएंगे बीते पल बस यह सोचो तुम!!!
कामनी गुप्ता***
हसरतें दिल में लिए न खामोश रहो तुम
कह भी दो अधरों से न रहो खुद में गुम
मौसम तो यूंही पल-पल बदलते रहेंगे मगर
न फिर आएंगे बीते पल बस यह सोचो तुम!!!
कामनी गुप्ता***