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27 May 2016 · 1 min read

*हवा का झोंका*

मस्त हवा का झोंका आया
लहराया फ़िर है बलखाया
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
वसुधा नाची झूम-झूम कर
अम्बर ने भी गान सुनाया
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
महक उठा है मन का उपवन
खुशबू को इसने बिखराया
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
नयी उमंगों का जीवन में
अब तो है परचम फहराया
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
खुशियों को फैला कर के
हर ग़म को है दूर भगाया
:::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
धर्मेन्द्र अरोड़ा

Language: Hindi
301 Views
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