हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
चट्टानें तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं।
अपने पंखों पर भरोसा रखना सीख रे मन!
हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं।
नीलम शर्मा ✍️
हवाओं के भरोसे नहीं उड़ना तुम कभी,
चट्टानें तूफानों का भी रुख मोड़ देती हैं।
अपने पंखों पर भरोसा रखना सीख रे मन!
हवाओं के भरोसे तो पतंगे उड़ा करती हैं।
नीलम शर्मा ✍️