हवाओं का रुख _कविता
हवाओं का रुख मोड़ दोगे,
युवाओं तुम यदि संकल्प लोगे।
बहुत ताकत है तुम्हारी भुजाओं में ,
जो चाहोगे वह पा लोगे।।
युग तुम्हारा है तो चलो ,
अपनी मंजिल की तलाश में।
मनचाहे अपने सपने तुम सजा लोगे।।
राजेश व्यास अनुनय
हवाओं का रुख मोड़ दोगे,
युवाओं तुम यदि संकल्प लोगे।
बहुत ताकत है तुम्हारी भुजाओं में ,
जो चाहोगे वह पा लोगे।।
युग तुम्हारा है तो चलो ,
अपनी मंजिल की तलाश में।
मनचाहे अपने सपने तुम सजा लोगे।।
राजेश व्यास अनुनय