हवलदार का करिया रंग (हास्य कविता)
करिया रंग पर प्रचलित हास्य-व्यंग से प्रेरित होकर एक नवीनतम प्रस्तुति…😂😂😂😂
सिपाही पहुंचा ससुराल में, अपने साथी संग
करिया रंग को देखकर, साली हो गयी दंग
बात करने से बच रही, बदल रही थी ढंग
दीदी हमारी गोरी चिठ्ठी, तुम हो काले भुजंग
दिल टूटा दीवान का, थाना पहुँचा तत्काल
एसओ साहब भी आ गए, बढ़ता देख बबाल
गुस्सा मत करो प्यारे, हो जाओ कुछ शांत
ठंडा पानी पीकर तुम, सब बतलाओ वृतान्त
लगा बताने दीवान भी, उनपर कर विश्वास
पहुंचा था ससुराल में, मन में थी कुछ आस
पर मेरी ससुराल में, मुझ पर कसे गए तंज
साली मुझसे कह गयी, तुम हो काले भुजंग
गर्मी ऐसी भयंकर ,कि सिन्धु दरिया हो गया
दिनभर ड्यूटी करके, मैं भी करिया हो गया
मुंशी तुरंत बोल पड़ा, हो जायेगी हवा टाइट
दिन की ड्यूटी के बाद, यदि लगा दी नाईट
कारखास से न रहा गया, वो भी बना महान
राज्य प्रहरी की नौकरी, होती नही आसान
हेड मोहर्रिर को समझो, हर थाने की दाई
समझा रहा दिवान को, जैसे हो बूढ़ी ताई
करिया रंग को देखकर, मत हो ज्यादा तंग
राधा उन्ही को मिली हैं, जिनके करिया रंग
चित्र-गूगल से साभार
आपका भाई ©दुष्यन्त ‘बाबा’