हवन
हवन
मनहरण घनाक्षरी
हवन की जरूरत,बिना समझे मुहुर्त,
नित्य हो सुबह शाम, शुद्ध वायु चाहिए।
वातावरण अशुद्ध,हवन करता शुद्ध,
औषधि संग घी धूप,स्वास्थ्य लाभ जानिए।
मंत्रों के संग हवन,खुशबू सोखे पवन,
चहुंओर बेखरता,सुगंध से मानिए।
सूक्ष्म रूप रोग कण,मर जाते उसी क्षण,
हवन में श्रेष्ठ गुण, विज्ञान से जानिए।
राजेश कुमार कौरव सुमित्र