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4 Dec 2024 · 1 min read

*हल्दी अब तो ले रही, जयमाला से होड़ (कुंडलिया)*

हल्दी अब तो ले रही, जयमाला से होड़ (कुंडलिया)
_________________________
हल्दी अब तो ले रही, जयमाला से होड़
शुभ विवाह का यह बना, अति मनभावक मोड़
अति मनभावक मोड़, रंग बिखराते प्यारे
मधुर पीत परिधान, पहन कर आते सारे
कहते रवि कविराय, नहीं जीजा को जल्दी
सलहज देती थाप, पीठ पर जड़ती हल्दी
________________________
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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