हलधर
हलधर करते मेहनत, बहे पसीना रोज ।
नित साहूकार ठगते, खूब मनाए मौज ।।
खूब मनाए मौज, दाम सही न कभी मिले।
खुशियाँ मनती खूब, जब हो भरपूर फसलें।।
पर कैसे हैं हाल, जाकर देखिए घर घर ।
सुनलो यही पुकार, हमारे भगवन हलधर ।।
।।।जेपीएल।।
हलधर करते मेहनत, बहे पसीना रोज ।
नित साहूकार ठगते, खूब मनाए मौज ।।
खूब मनाए मौज, दाम सही न कभी मिले।
खुशियाँ मनती खूब, जब हो भरपूर फसलें।।
पर कैसे हैं हाल, जाकर देखिए घर घर ।
सुनलो यही पुकार, हमारे भगवन हलधर ।।
।।।जेपीएल।।