हर ख़बर. ख़बरदार करें है l
हर ख़बर. ख़बरदार करें है l
होश दे, होशियार करें है ll
बुद्धिहीन, समझ कर न समझे l
सत्य ज्ञान, इनकार करें है ll
जो भोतिक इन्द्रियां, न समझे l
भीतर भय, स्वीकार करें है ll
पारा ही पारा, लेप लगा l
खुद को ही मझधार करें है ll
मानवता को मार मार कर l
विषय प्यास, व्यापार करे है ll
अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न