Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Apr 2021 · 1 min read

हर हाल में रहना सीखो मन

हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदा बहारें रहती हैं
सर्दी गर्मी बर्षा ऋतुऐं, क्रम से आती रहतीं हैं
सुख-दुख और शांति अशांति, जीवन में आती जाती हैं
कब विपरीत समय आ जाए, नहीं यह जानी जाती हैं
बचपन यौवन और बुढ़ापा, समय से निश्चित आएगा
अपने अपने सुख-दुख भैया, साथ समय के लाएगा
इसलिए चल सीख ले मन, साथ समय के रहने की
इच्छा मत रखना जीवन में, हर समय मस्त बहारों की
कई आए और कई गए, सबका अनुभव यह कहता है
जीवन भी है मौसम चक्र की भांति, हर समय बदलते रहता है
हर हाल में रहना सीखो मन, कब सदाबहारें रहती हैं

सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
3 Likes · 2 Comments · 240 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
पर को दुख दे सुख जिन्हें, सुखी रहें वे लोग।
डॉ.सीमा अग्रवाल
जय माँ चंद्रघंटा
जय माँ चंद्रघंटा
©️ दामिनी नारायण सिंह
तुम्हारा आना
तुम्हारा आना
Kanchan Advaita
झरोखा
झरोखा
Sandeep Pande
जो भी आया प्रेम से,इनमे गया समाय ।
जो भी आया प्रेम से,इनमे गया समाय ।
RAMESH SHARMA
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
मिलेंगे इक रोज तसल्ली से हम दोनों
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
पापा
पापा
Dr Archana Gupta
आत्मा, भाग्य एवं दुर्भाग्य, सब फालतू की बकबास
आत्मा, भाग्य एवं दुर्भाग्य, सब फालतू की बकबास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
गीत रीते वादों का .....
गीत रीते वादों का .....
sushil sarna
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Kumud Srivastava
उत्कृष्ट हिन्दी
उत्कृष्ट हिन्दी
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
धरती के अवतंस (पुस्तक समीक्षा)
गुमनाम 'बाबा'
*जमीं भी झूमने लगीं है*
*जमीं भी झूमने लगीं है*
Krishna Manshi
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
उलझनें तेरे मैरे रिस्ते की हैं,
Jayvind Singh Ngariya Ji Datia MP 475661
आई सी यू
आई सी यू
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
मन्नत के धागे
मन्नत के धागे
Neerja Sharma
" सिला "
Dr. Kishan tandon kranti
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
स्वच्छ देश अभियान में( बाल कविता)
Ravi Prakash
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
3969.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
प्रणय गीत...
प्रणय गीत...
हिमांशु Kulshrestha
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
जलजला, जलजला, जलजला आयेगा
gurudeenverma198
अपनी सीरत को
अपनी सीरत को
Dr fauzia Naseem shad
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
मंजिल की अब दूरी नही
मंजिल की अब दूरी नही
देवराज यादव
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
बिना दूरी तय किये हुए कही दूर आप नहीं पहुंच सकते
Adha Deshwal
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
बहारों का मौसम सज़ा दिजिए ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
शस्त्र संधान
शस्त्र संधान
Ravi Shukla
मैं भारत का जन गण
मैं भारत का जन गण
Kaushal Kishor Bhatt
मेरे शब्दों को कहँ दो ...
मेरे शब्दों को कहँ दो ...
Manisha Wandhare
स्मार्ट फ़ोन
स्मार्ट फ़ोन
अरशद रसूल बदायूंनी
Loading...