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18 Jan 2023 · 1 min read

हर शजर पहरेदार हैं

**हर शजर पहरेदार हैं**
********************

श्वेता धुंध सा ये प्यार है,
प्रेम की बसती बयार है|

चुपके-चुपके चोरी-चोरी,
प्रहार करने को तैयार हैं|

तूफानी रफ्तार में रौंदता,
कोई भी न मददगार हैं|

जैसा रुत वैसा मौसम,
प्रियतम ही तलबगार हैं|

चांद सा महबूब सोहणा,
तारामंडल सा परिवार है

मनसीरत नभ गवाह तो,
ये हर शजर पहरेदार हैं|
*******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

Language: Hindi
85 Views
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