हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं दो चार बातें हैं
तेरी मेरी इसकी उसकी में
इक उम्र गुजारे जाते हैं
M.T.”Ayan”
हर रोज वहीं सब किस्से हैं
हर रोज वहीं दो चार बातें हैं
तेरी मेरी इसकी उसकी में
इक उम्र गुजारे जाते हैं
M.T.”Ayan”