हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
वही तपा है जो हर मौसम से गुजरा है
कोई तरासता है खुद को मूरत की तरहा
किसी के लिए जिंदगी एक मुजरा है.||
✍️𝐊𝐚𝐯𝐢 𝐝𝐞𝐞𝐩𝐚𝐤 𝐬𝐚𝐫𝐚𝐥 ☑️
हर मौसम का अपना अलग तजुर्बा है
वही तपा है जो हर मौसम से गुजरा है
कोई तरासता है खुद को मूरत की तरहा
किसी के लिए जिंदगी एक मुजरा है.||
✍️𝐊𝐚𝐯𝐢 𝐝𝐞𝐞𝐩𝐚𝐤 𝐬𝐚𝐫𝐚𝐥 ☑️