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22 Jul 2024 · 1 min read

हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,

हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
और मैं हूं कि ख़ुद से ही बिछड़ता जा रहा हूं

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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