हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
मात बड़ी हो कितनी भी,क्या जीवन यात्रा थमती है
हार जीत दो पहलू जीवन के,इनसे जिंदगी चलती है
निराश नहीं होना ये बन्दे, क्या एक पहिये की गाड़ी देखी है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
क्या हुआ यदि हार गए तुम, बस एक मात से टूट गए
क्या नहीं सुना दशरथ माझी को, वो पर्वत से टकरा गए
था जूनून कुछ कर जाने का, पहाड़ों से मार्ग बना गए
जोड़ लक्ष्य भावनाओं से अपना ,माउंटेन मेन वो बन गए
करो समर्पण तन मन धन से, निश्चित सफलता मिलती है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है
बस एक बाजी हारी है तुमने , क्या सपने देखना भूल गए
है श्रेष्ठ जीवन मानव का, इसको क्यों तुम भूल गए
हो सकता है जीवन में , कोई और निराला खेल हो
बाजी लम्बी खिचनी हो, किसी बड़े लक्ष्य से मेल हो
रग रग में बसा हो लक्ष्य यदि, तो जीत तुम्हारी होती है
हर बार सफलता नहीं मिलती, कभी हार भी होती है