हर बात में तेरा जिक्र है
हर बात में तेरा जिक्र है
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हर बात में तेरा जिक्र है,
क्योंकि हमें तेरी फिक्र है।
मैं और तुम नहीं हम सके,
भाग्य में लिखा हिज्र है।
तू जहाँ भी रहो खुश रहो,
ईश्वर की तुम पर नज़र है।
खुशी-खुशी से सफ़र कटे,
बेशक कठिन हर डगर है।
मनसीरत खड़ा है राह में,
कुछ भी न अगर-मगर है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)