हर बच्चे में है कुछ तो खास
हर बच्चे में है कुछ तो खास
बोलो क्या है तुम्हें एहसास
धरती में सिमटे सभी बीज
वक्त आने पर अलग-अलग पौधे बन जाते हैं
उसी तरह हर बच्चे में अलग अलग अंदाज नजर आते हैं
कैसे रखी तुमने सबसे एक ही आस
हर बच्चे में है कुछ तो खास
बोलो क्या है तुम्हें एहसास
कोई अच्छा पढ़ाई में
तो कोई खेल में हुनर दिखाता है
कोई गाता सुर मल्हारी
तो कोई आसमान में चित्र बनाता है
सब का है अलग अपना अंदाज
हर बच्चे में है कुछ तो खास
बोलो क्या है तुम्हें एहसास
खोटा खरा न कोई इस दुनिया में
नजर का फेर सब बतलाता है
मानो तो है कीचड़ में कमल
नहीं तो चांद भी दागी नजर आता है
चाहिए हमें दृष्टि खास
जो देखे क्या है इनके पास
हर बच्चे में है कुछ तो खास
बोलो क्या है तुम्हें एहसास
कोई भी रचना उस रब की
नहीं हो सकती खराब
बस उभारना है हम सबको मिलकर
जो कुदरत ने दिया है उसे खास
बोलो क्या है तुम्हें एहसास
हर बच्चे में है कुछ तो खास