हर पल
हर पल विशेष होता है,
सोच यदि अनिमेष होता है।
हर पल स्मरणीय होता है,
कर्म जब सराहनीय होता है।
हर व्यक्ति विशिष्ठ होता है,
नज़रिया जब स्वस्थ होता है।
जीवन बहुत ख़ूबसूरत होता है,
भाव जब सकारात्मक होता है।
मानो तो हर दिन उत्सव होता है,
आनंदित मन से महोत्सव बनता है।
डॉ दवीना अमर ठकराल’देविका’