हर दुआ में।
हर दुआ में रहेगा सदा तू मेरी |
बिन तेरे जिंदगी कुछ भी तो नहीं ||1||
रहना है तेरे हिसार के सहर में हर पल मुझे |
तेरे बिन एक लम्हा भी गुजरे यह मुमकिन नहीं||2||
हर पल रूह में मेरी तू है समाया हुआ |
तेरे बिन सांस ले लूं यह मेरे तसव्वुर में नहीं ||3||
डरता नहीं हूं मरने से ए मेरी जिंदगी |
पर उनको तन्हाई दे दूं इतनी मेरी हिमाकत नहीं ||4||
मैंने भी बनाए है कुछ वसूल जीने के लिए |
पर तेरी खुशी की खातिर यह टूट जाए तो परवाह नहीं ||5||
कहने को तो दुनिया से कहता हूं मुझे तेरी परवाह नहीं |
पर चुप चुप कर वह रोना मेरी जिंदगी का जाता नहीं ||6||
ताज मोहम्मद
लखनऊ