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20 Aug 2024 · 1 min read

हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले

हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
आह निकलें बस जिगर से दर्द के सीने मिले
मुश्किलें सहते रहे दिन रात मेहनत करके भी
फिर भी चूल्हे हम गरीबों के यहां ठन्डे मिले ।

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