हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
आह निकलें बस जिगर से दर्द के सीने मिले
मुश्किलें सहते रहे दिन रात मेहनत करके भी
फिर भी चूल्हे हम गरीबों के यहां ठन्डे मिले ।
हर तरफ बेरोजगारी के बहुत किस्से मिले
आह निकलें बस जिगर से दर्द के सीने मिले
मुश्किलें सहते रहे दिन रात मेहनत करके भी
फिर भी चूल्हे हम गरीबों के यहां ठन्डे मिले ।