हर जमीं का कहां आसमान होता है
हर जमीं का कहां आसमान होता है,
यूं ही क्यों दिल परेशान होता है।
दिल का दर्द छुपाओगे कैसे,
ये तो चेहरे से बयां होता है।
वो थे ही नहीं किस्मत में इसलिए नहीं मिले,
ए दिल तू बेकार में क्यों रोता है।
निगाहों से क्या ही पता चलता है,
हंसती आंखों वाला बहुत ज्यादा तन्हा होता है।
कहते हैं यार में खुदा दिखता है,
जैसे जैसे प्यार जवान होता है।
तुम कैसे बदनाम हो गए ए दोस्त,
बिना आग के भी कहीं धुआं होता है।