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14 Nov 2018 · 1 min read

हर जन्म तेरी कोख पाऊँ माँ

मैं जब भी दूसरा जन्म पाऊँ माँ,
तेरी कोख से बेटी बनकर आऊँ माँ।
ये दुनिया ये संसार सब झूठा नाता है,
बस तेरा ही रिश्ता मुझे सबसे ज्यादा भाता है।
तू सबसे भोली और सबसे प्यारी है,
इस दुनिया की भीड़ में तू सबसे न्यारी है।
तू मौन रहकर हर पीड़ा हर दुख सहती है,
धरती सी सहनशीलता तुझमें, उफ !तक भी न कहती है।
तुझसे दूर होकर ही माँ तेरी याद सताती है,
बस तेरे ही आँचल में माँ मुझे सुकून की नींद आती है।
जब तू मुझे मारकर प्यार से सहलाती थी,
सच कहूँ माँ तब तू मुझे बहुत ही भाती थी।
धरती पर कहीं है ‘खुदा ‘तो वह तू है मेरी ‘माँ’,
सबसे अलग सबसे जुदा तू कितनी अच्छी है माँ।
तेरे ही आँचल में सोना चाहती हूँ,
बच्चा बनकर फिर से तुझ से लिपटकर रोना चाहती हूँ।
मैं जब भी दूसरा जन्म पाऊँ माँ,
“लाली टमको” बनकर तेरी कोख पाऊँ माँ।।

सुनयना शेखावत
ग्राम -नारायणपुर, जिला- अलवर (राजस्थान)

4 Likes · 23 Comments · 664 Views
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