हर जगह मुहब्बत
वो कहती तो मैं मुसलमान हो जाता,
वो कहती तो मैं ईसाई हो जाता,
हिंदू तो मैं पहले से था ही,
वो कहती तो मैं इंसान हो जाता…।।
मैंने उसे मंदिर की दहलीज पर बैठे देखा था,
मैंने उसे मजार पर सिजदा करते देखा था,
वो गले में जीसस का क्रूस पहनती थी,
वो मुहब्बत थी जिसे मैंने हर जगह देखा था..।।
वह लैला में पड़े पत्थरों को खाकर रो रही थी,
सीता के साथ अग्निपरीक्षा में जल रही थी,
वो क्रूस पर लटककर जीसस के साथ तड़फ रही थी,
वो मुहब्बत थी जो हर जगह जलील हो रही थी…।।।
prAstya…..