हर घर तिरंगा अभियान कितना सार्थक ?
जिन्होंने गुलामी का दर्द सहा,
वही आजादी की कीमत समझ सकते हैं।
जिन्होंने गोरों के जुल्म सितम सहे,
वही आज के सुकून को महसूस कर सकते हैं।
वोह तो कुछ और ही लोग होते है,दीवाने से ,
जो देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर सकते हैं।
तुमने हर घर तिरंगा का अभियान प्रारंभ तो किया ,
मगर आज के नौजवान कितना इसे महत्व देते हैं।
भारत माता से प्यार तो केवल भगत सिंह जैसे देश भक्त करते है या हमारे वीर भारतीय सैनिक ।
आम जनता में तो नौजवान कहां प्यार करते हैं ?
तिरंगे तो हर साल खरीदे जाते है राष्ट्रीय दिवस पर,
मगर उसके बाद उनका क्या होता है हम जानते है।
फिर इस अभियान में नई बात भला क्या है ?
इस तिरंगे के साथ सभी सेल्फी खिंचवा रहें है ।
क्या वोह वास्तव में गर्व महसूस कर रहे हैं?
यह महान भावना कब तक स्थाई रहेगी ?
राष्टीय दिवस के गुजर जाने के बाद अब देखो !
यह तिरंगे कहां जाते हैं?
जिसे देश से प्यार होगा ,वही तिरंगे का भी सम्मान करेगा,
अन्यथा कुछ स्वार्थी लोग केवल अपने आप से प्यार करते है ।