हर कोई दीवाना बन जाता है।
इश्क में लुटकर देखो हर कोई दीवाना बन जाता है।
अच्छा खासा आदमी रिश्तों में गैरों सा बन जाता है।।1।।
मोहब्बत है इसपे जोर कहां किसी का चल पाता है।
परवाना अपने प्यार में शम्मा में जलके मर जाता है।।2।।
डरना कैसा अब इन यजीदियों से मैदाने करबला में।
जंग मे लड़ने को शेरे खुदा अली का पीसर आता है।।3।।
हमको फिक्र ना अब अपने वजूद की इस दुनियाँ में।
हमें पता था पहले से इश्क में सबकुछ लुट जाता है।।4।।
अपनों से पाकर ज़ख्म हर कोई कहां दिखा पाता है।
कभी-कभी इंसान जिदा होकर ऐसे ही मर जाता है।।5।।
ये जगह है काफिरों की यहां कोई ना तुम्हारी सुनेगा।
गमें से शिफा पाने को हर कोई खुदा के दर जाता है।।6।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ