हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे…
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे…
हर किसी के आगे किताब कोंन रक्खे
हर उपलब्धि का कारण जानना है क्यों
हर बात का हमेशा जबाब क्यू रक्खे…!
कवि दीपक सरल
हर एक सब का हिसाब कोंन रक्खे…
हर किसी के आगे किताब कोंन रक्खे
हर उपलब्धि का कारण जानना है क्यों
हर बात का हमेशा जबाब क्यू रक्खे…!
कवि दीपक सरल