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10 Jun 2024 · 1 min read

हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,

हर इक रंग बस प्यास बनकर आती है,
इश्क़ के रंगों से इस रुह की प्यास बुझाती है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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