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3 May 2020 · 1 min read

(( हर्फ़ ))

बस दो हर्फ़ ही तो लिखे थे ,मैंने अपनी मोहब्बत में ,
एक तेरा नाम लिखा, और एक अपना नाम लिखा ,,

दर्द बहुत था दिल में , टूट के बिखरने का ,
आँसू रोते रहे मेरे , मगर चाह कर भी नही चीखा,,

मेरी हज़ार कमियां ,तुम्हे दिख जाती है ,
बस मेरी आँखों मे ,बेपनाह मोहब्बत नही दिखा,

नही अच्छा लगता है, अब कुछ भी इस शरीर को ,
जब से तू गया है , मेरा हर रंग हो गया है फीका ,

Language: Hindi
5 Likes · 1 Comment · 347 Views
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